Monday, May 3, 2010

लोहे का स्वाद

शब्द किस तरह
कविता बनते हैं
इसे देखो
अक्षरों के बीच गिरे हुए
आदमी को पढ़ो
क्या तुमने सुना कि यह
लोहे की आवाज़ है या
मिटटी में गिरे हुए खून
का रंग |

लोहे का स्वाद
लोहार से मत पूछो
घोड़े से पूछो
जिसके मुंह में लगाम है |


सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'

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